वर्जनिटी टेस्ट से इनकार पर समाज से बहिष्कार, डांडिया समारोह से निकाला

पुणे के भाटनगर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला को डांडिया में शामिल होने से सिर्फ इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि वह अपने समुदाय के उस रिवाज का विरोध कर रही है, जिसमें शादी की रात के अगले दिन महिलाओं का Virginity Test होता है। युवती के विरोध के बाद कंजारभाट समाज ने उसका बहिष्कार कर दिया था। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

पीड़िता Aishwarya Tamaichikar ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया कि सोमवार को वह पिंपरी में एक डांडिया कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थीं। यह डांडिया समारोह जाट पंचायत द्वारा आयोजित किया गया था। जैसे ही ऐश्वर्या यहां पहुंची और डांडिया खेलना शुरू किया, अचानक संगीत बंद कर दिया गया, जिसके बाद उन्हें वहां से जाने के लिए कहा गया। ऐश्वर्या ने बताया, ‘घटना के बाद मैं पंडाल के पीछे चली गई, लेकिन फिर भी संगीत शुरू नहीं हुआ। एक वृद्ध व्यक्ति ने घोषणा की कि अब डांडिया का समारोह तभी शुरू होगा जब वह पंडाल के बाहर चली जाएंगी।’

उन्होंने आगे बताया कि उस समय कार्यक्रम में लगभग चार सौ लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी मेरा समर्थन नहीं किया। मैंने जैसे ही पंडाल छोड़ा संगीत फिर से बजना शुरू हो गया। इससे साफ है कि समुदाय ने मेरा बहिष्कार कर दिया है। ऐश्वर्या के पति विवेक तमायचीकर ने कहा कि हमने समुदाय में प्रचलित प्रथा वर्जनिटी टेस्ट का विरोध किया था, जिसके कारण मेरी पत्नी का समुदाय से बहिष्कार कर दिया गया है। यह असंवैधानिक है।

आठ लोगों के खिलाफ एफआइआर

ऐश्वर्या ने पिंपरी थाने में तहरीर देकर आठ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। सभी आरोपित जाट पंचायत के सदस्य हैं। इनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने महिला को समुदाय से बहिष्कार करने का फरमान सुनाया। पिंपरी की डीसीपी ने कहा कि ऐश्वर्या ने शिकायत की थी कि कंजारभाट समुदाय में प्रचलित Virginity Test का विरोध करने के कारण उन्हें दांडिया समारोह में भाग नहीं लेने दिया गया। आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, इस घटना के लिए एक जांच आयोजित की जाएगी।

जानिए क्या है वर्जनिटी टेस्ट

कंजारभाट समाज में रिवाज है कि शादी के बाद सुहागरात के अगले दिन जोड़े को यह साबित करना जरूरी है कि महिला का कौमार्य भंग हो चुका है। इसके लिए पंचायत के सदस्य बेडशीट चेक करते हैं। अगर बेडशीट पर पंचायत के सदस्यों को महिला के कौमार्य भंग होने का सबूत नहीं मिलता है, तो वह शादी को अवैध करार दे दिया जाता है।

दो साल पहले भी उठी थी आवाज

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब किसी महिला ने इस कुरीती का विरोध किया है। इससे पहले भी दो साल पहले एक दूसरी महिला ने इसके खिलाफ कैंपेन शुरू किया था। इस कैंपेन का नाम ‘स्टॉप द वी टेस्ट’ दिया गया था। ऐश्वर्या और उनके पति ने इस रिवाज का विरोध किया। उन्होंने पंचायत के सदस्यों को बेडशीट दिखाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद कैंपेन ने फिर से तूल पकड़ा।

मई में पंचायत ने इस जोड़े का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। ऐश्वर्या ने बताया कि इस पहले जब वो जून में वह एक शादी में शामिल होने गई थी, वहां उसके ऊपर हमला हुआ था। इस घटना के बाद ऐश्वर्या ने केस दर्ज कराया था और पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपियों को जमानत मिल गई थी।

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