मूल्यपरक देशभक्ति कविता, दुर्दमनीय तलवारें लिखें!

दुर्दमनीय तलवारें लिखें!

विश्व धरातल पर हुए अक्षम्य

इतिहासों के लिकों को लिखें

मानवता के गहनों के

विध्वंसक चीखों को लिखें!

 

प्रतिमानों के स्तम्भों पर हुए

भयावह पशुता को लिखें

पुण्यभूमि पर विविध विग्रहों के

लूटी गयी शुचिता लिखें!

 

सभ्यता संस्कृतियों पर हुए

बर्बर असंख्य आघातों से सीखें

स्वतंत्रता के स्वर्ण विहानों पर

क्रूर संघातों से सीखें!

 

दया-दान-सत्कर्म-धर्म

के प्रबल प्रतापों को लिखें

वीरों के वक्षस्थल पर विराट

ज्वाल- तापों को लिखें!

 

वीरों के चिंतन विराट

पुण्य सुदीर्घ प्रतापों को लिखें

रण में -वन में- समरांगण में

घोर शत्रु विलापों को लिखें!

 

अभी समर भयंकर है भारी

भैरवी-रणचण्डी, हुंकारें लिखें

अखण्ड भारत विस्तारों में

शत्रुञ्जय दुर्दमनीय तलवारें लिखें !

दुर्दमनीय तलवारें लिखें!

 

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