दिल्ली के बाद अब राजस्थान में भी पटाखों पर पाबंदी लगा दी गई है। सरकार ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभावना का हवाला देते हुए अगले साल तक पूरे राज्य में सभी तरह के पटाखों को बेचने और चलाने पर रोक लगाने की घोषणा की है। गुरुवार को राजस्थान के गृह विभाग की ओर से इस संबंध में एडवाइजरी जारी की गई। इसके तहत राज्यभर में पटाखों की बिक्री पर बैन 1 अक्टूबर यानी आज से लागू हो रहा है, जो 31 जनवरी 2022 तक जारी रहेगा।
अहम बात यह है कि पटाखों पर बैन ऐसे समय में लगाया जा रहा है, जब आने वाले समय में दशहरा और दिवाली के त्योहार पड़ने वाले हैं। एडवाइजरी में कहा गया है, ‘विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की है। आतिशबाजी के धुएं के कारण बूढ़े, बीमार, पीड़ित लोगों को बहुत परेशानी होती है। सीओपीडी हो या अस्थमा और कोविड के मरीज पटाखों के धुएं से इन पर काफी असर पड़ता है। ऐसे में इस साल भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।’
राजस्थान के गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किए हैं, जिसमें पटाखों के अस्थायी लाइसेंस जारी करने पर भी 31 जनवरी तक रोक लगा दी गई है। जिला स्तर पर दिवाली पर बड़ी संख्या में अस्थायी लाइसेंस जारी किए जाते हैं। कोविड मरीजों के लिए सांस लेने में कठिनाई को देखते हुए पिछले साल आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी प्रदूषण और कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए 1 जनवरी 2022 तक पटाखों पर बैन लगाया है।
हाल में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें 28 सितंबर से 1 जनवरी 2022 तक पटाखों पर बैन लगाने की जानकारी दी गई। एडवाइजरी के अनुसार, दिल्ली के एनसीटी के क्षेत्र में एक जनवरी 2022 तक सभी प्रकार के पटाखे फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। एडवाइजरी में कहा गया कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय कई विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार लिया गया है। विशेषज्ञों ने कोरोना के बढ़ने की संभावना की ओर इशारा किया है, क्योंकि वायरस से बचाव के दिशा-निर्देश जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया जा रहा है। इसके अलावा हवा की गुणवत्ता भी खराब हो रही है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।