अतीतविहीन होने का ऐतिहासिक दर्द वक़्त; जिसे हमने बाँट रखा है घड़ियों, पलों, घण्टों, तारीखों में, जो कभी कटता नहीं तो कभी मिलता नहीं, जो कभी अटका, लटका रह जाता है यादों की गलियारों में, जिसे भुला देने की पैरवी होती है गर ज़ख्म और खरोचें ज़्यादा लगी हों, यही बीता हुआ वक़्त व्यक्ति का परिचय और राष्ट्र का इतिहास हुआ करता है। बीता हुआ अतीत भविष्य को दिशा देता हैै।
इस अतीत का न होना अमरीकियों को कितना सालता रहा है, इतना कि वो पुरातनता और अतीत को न सुन पाते हैं न बोल ही पाते हैं। जिन मिथकों को झुठला देने के अभूतपूर्व प्रयास भारत में होते हैं ऐसे एक भी मिथक अगर अमरीकियों को मिल पाते तो वो उसे न जाने कहाँ तक लिख जाते, गा लेते, रंग लेते, क्योंकि पुरातनता का यह आभास यह जता जाता कि उनकी जड़ें कहीं और से उखाड़ कर नहीं फेंक दी गईं। इसी मिथक को गले लगा गौरवान्वित होने की प्रतियोगिता के कारण इजराइल दुर्गति झेलता जा रहा है।
इसी अतीत के प्रश्न को भुलाए रखने की ख़ातिर जी-तोड़ मेहनत कर स्थापित किया ख़ुद को, अमेरिका ने भी और इजराइल ने भी।यह ज़िद बना ली कि वर्तमान को इतना सुदृढ़ बनाया जाए कि अतीत की बात न आने पाए किसी की जुबां पर। अतीतविहीन होने ने उन्हें भविष्य को वर्तमान में ले आने को तत्त्पर किया, लिहाजा उन्होंने भविष्य को ले कर ही फिल्में बनाई और फ्यूचरिस्टिक फिल्मों की एक बड़ी श्रृंखला खड़ी कर दी। एक ऐसा समाज जिसने, “किधर से आ रहे हो?” “किधर को जा रहे हो?” जैसे प्रश्नों को ही सामाजिक पृष्ठभूमि से हटा दिया। वो नहीं पूछते थे कभी कि कहाँ से आए हो और यहाँ क्यों आना पड़ा, चूँकि क्या पता, किस सजा को काटने के क्रम में उन्हें आना पड़ा हो वहाँ।
जहाँ हम भारतीय अपने अतीत से बाहर नहीं आ पाते और आना नहीं चाहते, क्योंकि पूर्वजों ने एक गौरवशाली इतिहास दिया है गर्व करने को, वर्तमान बार-बार अतीत से प्रभावित हो लेता है वहीं यह एक ऐसा देश है, जिसका इतिहास एक ग्लानि से ज्यादा कुछ नहीं, पर यह देश सर्वशक्तिमान है। जहाँ उसके अतीत की छाया उसे ब्रिटेन से ऊपर उठने नहीं देती वही अमेरिका अपने वर्तमान की दक्षता पर भविष्य और दूसरे देशों का भविष्य तय कर पाने की क्षमता रखता है।
अतीत पर गर्व रखना, यादों की राजनीति करना कभी खुशी देता है, कभी गम पर कुछ कहानियाँ वर्तमान में लिख डालने की ताकत एक सुदृढ़ भविष्य के साथ एक तर्कपूर्ण इतिहास दे सकती है। पाकिस्तान जैसे पड़ोसी की खीज़ प्रमाण है कि अतीत से एक झटके से अलग कर देने पर एक शून्यता भरी यात्रा की शुरुआत होती है जिसका अतीत कोई गर्व-भरा इतिहास न होकर मात्र एक प्रतिद्वंद्वी बन सामने खड़ा हो जाता है, जो सफल भी ज़्यादा है और ताकतवर भी।