KGF ( Kolar Gold Fields ) ,एक कहानी जो वहाँ से शुरू होती है, जहाँ उम्मीद ख़त्म होती हो! कहानियाँ केवल वहीं से शुरू नहीं होतीं जहाँ जीवन का गान हो, उम्मीद हो, बल्कि वहाँ से भी जहाँ उम्मीद या जीवन के निशाँ मिट चुका हो! कहानियाँ ऐसी नाउम्मीदी में जन्म लेकर उम्मीद का रास्ता दिखाने का काम किए जाती है, अनजाने ही!
KGF, यह सोच कर देखने गई थी कि इतिहास की परतें इसकी माइंस से निकल सकती हों, दबे सोने की कहानी कोई न कोई सच्चाई की चमक दिखा सकती है! पर यह दिखाया गया कि यह इतिहास नहीं कहानी ज़्यादा है, जहाँ पॉवर, पोजीशन, अमीरी की निरंतर चलने वाली कहानी है!
प्रशांत नील द्वारा निर्देशित Kolar Gold Fields, सही मायने में बाहुबली का काउंटर-नैरेटिव है! वह राजसिंहासन, राजकुमारों, राजाओं और महारानी की कहानी जो सौंदर्य, समग्रता, समृद्धि के गौरव से उदीप्त है! वहीँ यह सोने के उन खदानों की कहानी जहाँ जीवन का भयावह रूप दिखता है! समय चलता नहीं, बीतता नहीं, रात के बाद एक और रात और दिन का सूरज चमकता नहीं! बाहुबली जहाँ उच्च वर्ग के लोगों की इच्छाओं और महत्वकांक्षाओं का दस्तावेज है! वहीं KGF, सबाल्टर्न नैरेटिव बन कर बाहुबली के आमने-सामने खड़ा है!
असामान्य शक्ति का प्रदर्शन दोनों ही फिल्मों में है, जहाँ “माँ” लाइफ फ़ोर्स बनती दिखती है, वह प्रेरणा-शक्ति, जो रुकने, थमने नहीं देती! माँ, और नायकत्व दोनों में समान रूप से उपस्थित है, जो दिशा देता है, मूल्यों को स्थापित करता दिखता है, क्रोध को दिशा देता है! इतिहास जल्दबाज़ी में नहीं बनता, नहीं बन सकता, पर इतिहास प्रायोजित भी नहीं हो पाता क्योंकि घटनाएं समय और परिस्थिति के आधीन भी होती हैं, यह मैसेज देती फ़िल्म बाँधे रखती है।
जहाँ बाहुबली magnificent दिखता है KGF यथार्थपरक दिखता है और binary पूरी तरह दिखती है साफ-साफ! Magnificent/ Feeble, Splendid/ cheap, Compassionate/ Cruel, पर प्रेरणादायक उतना ही! एक पूरा सर्कल पूरी करती है फ़िल्म इन binaries को लेकर, जब क्रूरता के साथ-साथ असहायों के लिए मर्म दिखता है नायक में, जिनकी मज़बूरी उसे मज़बूती देती है।
एक तरफ़ राजवंश और दूसरी ओर गरीबी की मिसाल दिखती मज़बूर स्त्री,जिसका एकमात्र पुत्र तेजस्विता, बुद्धि और बल से उम्मीद की किरण है! प्रेम जितना गौरवपूर्ण बाहुबली में है, उसका उतना ही वीभत्स रूप यहाँ दिखता है जहाँ यह प्रेम कम एक-दूसरे को कमतर दिखाने का प्रयास ज़्यादा दिखता है! भाषा में वही गैंगस्टर वाली colloquial note! बाहुबली की तरह ही KGF दो भागों में है।
माहिष्मती राज्य की ही तरह कोलार फ़ील्ड्स का साम्राज्य क्या-क्या दिखायेगा, यह देखना चाहेंगे सभी! मातृ शक्ति और मातृ शक्ति की पूजा, दोनों ही फिल्मों में अपने महत्व को दिखाती है! माहिष्मती, जो राजसी वैभव से जुड़ी दिव्यता को दिखाती हैं, वहीं कोलार की काली वह लोक मानस की देवी है, जिनकी शक्ति के पुजारी बलि देते हैं, शक्ति का आह्वान करते हैं! KGF का नायक स्थिती साफ़ कर देता है कि वह नास्तिक है और उसकी श्रद्धा और शक्ति उसकी माँ से है!
कोलार गोल्ड फ़ील्ड्स कुछ ऊबे हुए अंग्रेजों की खोज़ थी, जो समय बिताने को इस एडवेंचर पर निकले। हो सकता है अगला भाग और दिलचस्प हो! आप गंगा न्यूज़ पर रजिस्टर करके अपने विचार, लेख, ब्लॉग, न्यूज़ और कहनियों को पब्लिश कर सकतें हैं! निचे कमेंट के जरिए भी हमें अपने विचारों से अवगत करा सकते हैं, साथ ही Facebook और Twitter पर भी हमसे जुड़ सकते हैं!