Congress प्रवक्ता शमा मोहम्मद (Shama Mohamed) ने जो भारतीय क्रिकेट कैप्टेन रोहित शर्मा (Rohit Sharma) पर अपमानजनक टिप्पणी की है. शमा मोहम्मद की टिपण्णी का तृणमूल नेता शौगात रॉय (Shaugat Roy) ने समर्थन किया है. लोग सोशल मीडिया में सवाल पूछ रहे हैं की जब चैंपियंस ट्राफी चल रही है, भारत लगातार विजयी बना हुआ है, यहाँ तक की डफली गैंग की प्रिय टीम पाकिस्तान को भी शिकस्त दे चूका है. फिर राजनितिक दलों द्वारा खिलाडियों पर अचानक से विवाद करने का क्या मतलब है? क्या ये सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम का मनोबल गिराने का प्रयास है या इससे भी आगे की कुछ रणनीति है?
ये महज एक खेलप्रेमी होने के नाते सामान्य टिपण्णी भी हो सकती है, या फिर भारत तोड़ो गैंग की खतरनाक रणनीति भी हो सकती है. क्योंकि आजकल कुछ दल और लोग देश को जातिवाद की आग में झोंकने में लगे हुए हैं. उनका पूरा प्रयास है की कैसे समाज को जातिवाद में बनता जाए. इसके लिए वो तरह तरह के हथकंडों से आम लोगों के मन में भेद पैदा करने में लगे हैं. कभी जातिगत जनगणना के नाम पर, कभी जितनी आबादी के नाम पर तो कभी किसी और हथकंडा के जरिए एकजुट समाज में नफरत की खाई खोदने में लगे हुए हैं.
कभी वो देश के अधिकारीयों की जाति गिनते हैं, कभी पत्रकारों की जाति गिनाते है, तो कभी सामान्य मानवी को जातियों में तोड़ने का प्रयास करते हैं. खैर सामान्य मानवी से उनका ज्यादा लेना देना है नहीं, उन्हें तो बस अपना राजनितिक उल्लू सीधा करने से मतलब है, जो एकजुट समाज समाज को जातियों में तोड़कर ही हासिल होगा, और उस काम में वो बखूबी लगे हैं.
लेकिन इतने षड्यंत्रकारी प्रयासों के बावजूद उन्हें ज्याद कामयाबी मिल नहीं रही है, क्योंकि सामान्य मानवी को इसके पीछे के मनसूबे भली भाँती पता है. अपने विफल होते प्रयासों को नई धार देने के लिए बंटवारे की सोच को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए, सामान्य मानवी से आगे बढ़कर आजकल खिलाडियों और बड़े सेलिब्रिटीज को भी जातियों में बांटने का प्रयास हो रहा है, जिसकी बानगी आप सोशल मीडिया में उनके समर्थकों की पोस्ट और टिपण्णीयों में देख सकते हैं.
उनके समर्थक लगातार खिलाडियों को जातियों में बांटकर अपमानजनक टिपण्णी करके समाज को बांटने का प्रयास करते रहते हैं. यही नहीं खिलाडियों के लोकप्रियता के हलचल में अपना प्रोपगंडा मिलाकर वो अपने एजेंडे को पूरा करने में कुछ हद तक कामयाब भी हो रहे हैं. क्या यही कारण है की इस रणनीति को अधिक धार देने के लिए अब इसमें समर्थकों के साथ नेतागण भी जुड़ रहे है? इससे अधिक आगे के स्तर पर सोचेंगे तो खुद ही समझ आ जाएगा की रोहित शर्मा पर टिपण्णी की वजह क्या है? सबकुछ कहा नहीं जाता, समझदार को इशार काफी होता है.
इस तरह के प्रयासों से एक फायदा तो ये है की समाज को बाँटने के एजेंडे में कामयाबी मिल रही है, दूसरा फायदा ये भी है की इस तरह के प्रयास से तुष्टिकरण की रणनीति भी सफल होती है, और पाकिस्तान की जीत पर ढपली बजाने वाला गैंग भी खुश होता है. अब ऐसे में ये बयान एक तीर से दो निशाना लगाने की एक बेहद शातिर रणनीति भी हो सकती है! या फिर ये महज एक खेलप्रेमी होने के नाते सामान्य टिपण्णी भी हो सकती है, कमेन्ट में अपनी राय दें.