सपा नेता अनिल यादव अपनी दूसरी शादी कांग्रेस की मीडिया पैनलस्टि Pankhuri Pathak से करने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनिल यादव अपनी दूसरी शादी से पहले ही विवादों में घिर गए हैं। भास्कर में छपे एक रिपोर्ट के मुताबिक, Anil Yadav की पत्नी ने उन पर जबरन तलाक लेने का दबाव डालने का आरोप लगाया है। पत्नी ने यह भी कहा है कि उनके देवर ने बेटे की हत्या का डर दिखाकर कई बार उनसे शारीरिक संबंध भी बनाए।
अनिल 1 दिसंबर को कांग्रेस की मीडिया पैनलिस्ट पंखुड़ी पाठक के साथ विवाह के बंधन में बंधने जा रहे हैं। इस बिच उनकी पीड़िता पत्नी के वकील विजय कुमार पांडे ने शुक्रवार देर शाम पत्रकारों को बताया कि सपा नेता अनिल यादव और पीड़िता की शादी 2013 में हुई थी। 18 मई 2015 को एक पुत्र भी हुआ। 2016 में अचानक अनिल का व्यवहार बदला और पीड़िता के साथ मारपीट और दुर्व्यहार करने लगे।
पीड़िता ने इस संबंध में कई बार सास और ससुर से शिकायत की। उन्होंने भी बेटे का पक्ष लेते हुए कहा कि उसका औदा बढ़ गया है। तुमने शादी में सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए और अब वह 10 करोड़ का आदमी है। इसके बाद उसे पति और देवर ने एक साल तक कमरे में बंद रखा। उसके साथ बंधक जैसा व्यवहार किया। उस पर 24 घंटे की निगरानी की जाती रही।
पत्नी का कहना है कि अनिल यादव ने बताया था कि वह कांग्रेस में मीडिया सलाहकार पंखुड़ी पाठक (पूर्व सपा प्रवक्ता) के साथ विदेश घूमने गया था। वहां उसने मेरे साथ एक वीडियो बना ली। इस कारण मैं फंस गया हूं और अब मुझे तुमसे छुटकारा चाहिए। पति ने बच्चे की हत्या की धमकी दी और 2018 में जबरन कड़कड़डूमा कोर्ट में आपसी समझौते से तलाक के कागजात पर साइन करा लिए।
पत्नी का कहना है कि मेरे बेटे को सास-ससुर अपनी निगरानी में रखते थे। लौटने के बाद ही बेटा मुझे सौंपा जाता था। यही नहीं, इस बीच देवर ने मेरे साथ कई बार जबरन शारीरिक संबंध भी बनाए। वह बार-बार बेटे को जान से मारने की धमकी देता था। तलाक होने की पूरी प्रक्रिया के दौरान उसे बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद घर से मायके भेज दिया गया।
सपा नेता अनिल यादव ने पत्नी के आरोपों काे बुनियाद बताया है। कहा- यह सिर्फ प्रॉपर्टी हथियाने के लिए किया जा रहा है। आपसी सहमति से दोनों का तलाक हुआ था। तीन वर्ष से वह पत्नी से अलग रह रहे हैं। मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए कानूनी कार्रवाई करूंगा।
वैसे तो इस तरह की ख़बरें तो आम बात हो गई है आजकल। इसकी सत्यता की पुष्टि करना बेहद मुश्किल होता है कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ। लेकिन अगर इन ख़बरों में जरा भी सच्चाई है तो ये बेहद ही गंभीर मामला है। एक तरफ विडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का अपराध, तो दूसरी तरफ जबरन तलाक के पेपर पर साइन करवाने, कैद करने और बेटे को मारने की धमकी देकर देवर द्वारा संबंध बनाना; सब एक से बढ़कर एक गंभीर अपराध है।
लेकिन इस तरह के परिवारिक मामलों में सत्यता की पुष्टि करना लगभग असंभव होता है की कौन सत्य बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है। इस तरह के मामले जब समाज के सामने आता है तो न्याय की उम्मीद तो कम ही रहती है, लेकिन पारिवारिक और सामजिक मूल्यों से लोगों का भरोसा उठने लगता है, इंसानियत शर्मसार हो जाता है।
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