कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री Salman Khurshid ने एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आना कठिन है! विपक्षी पार्टियों का गठबंधन कांग्रेस को रोकने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को रोकने के लिए बनना चाहिए!
खुर्शीद ने कहा – Loksabha Chunav 2019 में भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों को भी बलिदान और समझौते करने होंगे! कांग्रेस के सभी नेता अच्छी तरह से समझ गए हैं कि देश की सत्ता को बदलने के लिए गठबंधन बहुत जरूरी है और गठबंधन के लिए जो भी बलिदान, समझौते या बातचीत जरूरी होगा, उसके लिए Congress Party तैयार है! यह तभी संभव है जब दूसरे दल भी इस तरह का सामंजस्य दिखाना होगा!
आज की स्थिति देखते हुए यह कठिन है की हम अकेले दम पर सरकार बनाने की सोचें! अगर हम अकेले दम पर सरकार बनाने की सोचते हैं, तो उसके लिए हमें पांच साल तक काम करना होगा क्योंकि पिछले तीन साल से कांग्रेस गठबंधन के लिए काम कर रही है। कांग्रेस अब अकेले चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोच सकती, इसके लिए हमें पांच साल तक लड़ना पड़ेगा!
खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जो देश भर से सीटें जीतेगी! बाकी सहयोगी पार्टियां अपने अपने राज्य से जीत हासिल करेंगी! उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बसपा और सपा से गठबंधन न होने को लेकर कहा कि महागठबंधन बनाने का उद्देश्य भाजपा को रोकने का है! ऐसे में अगर विपक्षी पार्टियां अपना लक्ष्य भूल जाए तो महागठबंधन नहीं बन पाएगा! यह सभी पार्टियों और देश के लिए बड़ी हार होगा!
सलमान खुर्शीद का बयान ये दर्शाने के लिए काफी है की Congress Party को न तो खुद पर Loksabha Election 2019 को लेकर ज्यादा आत्मविश्वास है और न ही अपने नेता Rahul Gandhi से ज्यादा उम्मीद! अब अगर General Election 2019 में Narendra Modi जैसे लोकप्रिय नेता से मुकाबला करना है तो कांग्रेस की आखिरी उम्मीद महागठबंधन ही है! महागठबंधन ही है जो कांग्रेस की डूबती नैय्या को किनारे लगा सकती है!
वैसे महागठबंधन भी कांग्रेस की नैय्या को कितना किनारे लगा पाएगी ये कहा नहीं जा सकता! क्योंकि उप्र चुनाव में “यूपी को ये साथ पसंद है” वाले महागठबंधन का हाल सब देख चुके हैं! तब महागठबंधन के रणनीतिकार रहे Prashant Kishor यानि PK का कहना है की ऐसा हाल इसलिए हुआ की दूल्हा दुल्हन गायब हो गए और पूरा बारात का भार आयोजकों को ही उठाना पड़ा! तो क्या गारंटी है की इस बार दूल्हा दुल्हन न भागे?