प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के माध्यम से रिकॉर्ड 50वीं बार लोगों से संवाद स्थापित किया! पहली बार 3 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने Mann Ki Baat को आमजन से संवाद का माध्यम बनाया था! तब से चल रहा ये संवाद का सिलसिला आज अपना अर्धशतक पूरा कर रहा है! आइये देखते हैं मन की बात के महत्वपूर्ण पड़ाव और संवाद को!
मन की बात के बात से माध्यम से अब तक समाज से जुड़े बहुत सारे मुद्दों पर संवाद स्थापित किया गया है लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे भी रहे जो एक जन आंदोलन बन गया और लोगों ने इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लिया! जैसे Selfie with Daughter , Swachh Bharat abhiyan और खादी के इस्तेमाल की अपील ने आम जन को खासा प्रभावित किया! एक रिपोर्ट के मुताबिक तो प्रधानमंत्री की अपील के बाद खादी के वस्त्रों की बिक्री में 120 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिली!
आज के मन की बात के प्रमुख अंश:
- मन की बात की यात्रा के आज 50 एपिसोड पूरे हो गए हैं, इस तरह आज ये गोल्डन जुबली एपिसोड है!
- रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत संचार की पहुंच और उसकी गहराई है, शायद रेडियो की बराबरी कोई नहीं कर सकता!
- जब मैंने मई 2014 में एक ‘प्रधान-सेवक’ के रूप में कार्यभार संभाला तो मेरे मन में इच्छा थी कि देश की एकता, भव्य इतिहास, शौर्य, सांस्कृतिक विविधताएं, समाज के रगो में समाई हुई अच्छाइयां, जज़्बा, त्याग, इन बातों को जन-जन तक पहुंचाया जाना चाहिए!
- अधिकतर लोगों को लगता है कि ‘मन की बात’ का सबसे बड़ा योगदान ये है कि इसने समाज में सकारात्मकता की भावना बढ़ाई है! इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर जन-आंदोलनों को बढ़ावा मिला है!
- जब ‘मन की बात’ शुरू की थी, तभी मैंने तय किया था कि न इसमें राजनीति हो, न इसमें सरकार की वाहवाही और न इसमें कहीं मोदी हो और मेरे इस संकल्प को निभाने के लिए सबसे बड़ा संबल, सबसे बड़ी प्रेरणा आप सबसे मिली!
- आपकी भेजी स्वच्छता की कहानियों ने और लोगों के ढ़ेर सारे उदाहरणों ने, न जाने कब घर-घर में एक नन्हा स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसडर खड़ा कर दिया है, जो घरवालों को भी टोकता है और कभी-कभी फोन कॉल कर प्रधानमंत्री को भी आदेश देता है!
- कब किसी सरकार की इतनी ताक़त होगी कि #SelfieWithDaughter की मुहिम हरियाणा के एक छोटे से गांव से शुरू होकर पूरे देश में ही नहीं, विदेशों में भी फैल जाए!
- भारत जैसे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए जन-सामान्य की प्रतिभाएं पुरुषार्थ को उचित स्थान मिले, यह हम सबका एक सामूहिक दायित्व है और ‘मन की बात’ इस दिशा में एक नम्र और छोटा सा प्रयास है: पीएम मोदी
- भारत का मूल-प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है, भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज-शक्ति है!
- संविधान सभा के बारे में बात करते हुए उस महापुरुष का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता जो संविधान सभा के केंद्र में रहे! ये महापुरुष थे पूजनीय डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर! 6 दिसम्बर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है! मैं सभी देशवासियों की ओर से बाबा साहब को नमन करता हूँ!
- बाबा साहब कहते थे कि हम भारतीय भले ही अलग-अलग समुदाय के हों, लेकिन हमें सभी चीज़ों से ऊपर देशहित को रखना होगा! India First डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर का यही मूलमंत्र था! एक बार फिर पूज्य बाबा साहब को विनम्र श्रद्धांजलि!
- लोकतंत्र बाबा साहब के स्वभाव में रचा-बसा था, वो कहते थे कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्य कहीं बाहर से नहीं आए हैं! संविधान सभा में उन्होंने एक बहुत भावुक अपील की थी कि इतने संघर्ष के बाद मिली स्वतंत्रता की रक्षा हमें अपने खून की आखिरी बूँद तक करनी है!
- पीएम मोदी ने सभी राज्य सरकारों और केन्द्रीय शासित प्रदेशों से अगले वर्ष गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती समारोह को भव्य रूप से मनाने का अनुरोध किया, उन्होंने यह भी कहा कि इसका रंग देश ही नहीं, दुनिया-भर में बिखरेगा!
- गुरु नानक जी से जुड़े पवित्र स्थलों के मार्ग पर एक ट्रेन भी चलाई जाएगी! भारत सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने का एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्तान के करतारपुर में गुरु नानक देव जी के पवित्र स्थल पर दर्शन कर सकें!