पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस को जबरदस्त निशाने पर लिया. राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान पीएम अपने पुराने अंदाज में दिखे. फिर क्या था OBC से लेकर आरक्षण और देवानंद से लेकर किशोर कुमार तक, PM मोदी कांग्रेस पर एक के बाद एक तीखे हमले बोलते चले गए.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा – कांग्रेस से सबका साथ, सबका विकास की अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती है. यह उनकी सोच और समझ के बाहर है, क्योंकि इतना बड़ा दल परिवार को समर्पित हो गया है. उसके लिए सबका साथ, सबका विश्वास संभव ही नहीं है. बिना नाम लिए राहुल गाँधी पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा – आज जातिवाद का जहर फैलाने के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है, लेकिन तीन-तीन दशक तक दोनों सदन के ओबीसी एमपी और सभी दलों के ओबीसी एमपी, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाने की मांग करते रहे, लेकिन ठुकरा दिया गया. क्योंकि शायद उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता होगा.
आरक्षण पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा – हमारे देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया तो, उसको स्वस्थ तरीके से करने का काम कभी नहीं हुआ. एक दूसरे के खिलाफ दुश्मनी और तनाव पैदा करने के प्रयास हुए. पीएम ने आगे कहा – बाबा साहेब आंबेडकर से कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी, उनके प्रति कितना गुस्सा था, और किसी भी हालत में बाबा साहेब की हर बात के प्रति कांग्रेस चिढ़ जाती थी. इसके दस्तावेज मौजूद हैं. लेकिन अब जब इस देश के लोगों ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया, तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा – देश ने इमर्जेंसी का भी दौर देखा है. देवानंद जी से आग्रह किया गया कि वह इमर्जेंसी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने साफ-साफ इनकार कर दिया. इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद जी की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया. ये संविधान की बातें करने वाले लोगों ने सालों से उसे अपनी जेब में रखा है. किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया, इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर उनके गानों को बैन कर दिया गया.”
राज्यसभा में बोलते हुए शायराना अंदाज में पीएम ने मल्लिकार्जुन खरगे पर चुटकी लेते हुए कहा – खरगे जी को मैं नीरज जी की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहता हूं, कांग्रेस सरकार के समय नीरज जी ने यह लिखा था की :
है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए
है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो, यह मौसम बदलना चाहिए
1970 में जब कांग्रेस का राज चलता था, उस समय नीरज जी का एक कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था “फिर दीप जलेगा”. उसमें उन्होंने लिखा था : मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा. और सौभाग्य देखिए कि अटल जी ने भी 40 साल पहले कहा था की सूरज निकलेगा, अंधेर छंटेगा, कमल खिलेगा