ISRO ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि Lander Vikram से संपर्क साधने की सभी कोशिशें जारी है। अतंरिक्ष एजेंसी ने इसे लेकर ट्वीट करते हुए लिखा, चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर को ढूंढ लिया है लेकिन अभी तक उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। लैंडर के साथ संचार स्थापित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
#VikramLander has been located by the orbiter of #Chandrayaan2, but no communication with it yet.
All possible efforts are being made to establish communication with lander.#ISRO— ISRO (@isro) September 10, 2019
सोमवार को इसरो ने बताया था कि चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग करने के बावजूद Chandrayaan-2 के लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। ऑर्बिटर द्वारा भेजे गए चित्र के अनुसार यह एक ही टुकड़े के रूप में दिखाई दे रहा है, बस थोड़ा झुका हुआ मालूम पड़ रहा है। इसरो की टीम Chandrayaan-2 के Lander Vikram के साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिशों में लगी हुई है।
उजाला के मुताबिक एक वैज्ञानिक ने कहा कि हम विक्रम से संपर्क करने की लगातार हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। अभी हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। चांद की सतह से महज 2.1 किमी दूर रहने के दौरान ही लापता विक्रम को इसरो ने रविवार को ऑर्बिटर की मदद से खोज निकाला था। विक्रम को सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, मगर उसे हार्ड लैंडिंग का शिकार होना पड़ा।
एक वैज्ञानिक ने कहा कि Lander Vikram की स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। उससे संपर्क करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। उम्मीद कम होती जा रही है। अगर इसने सॉफ्ट लैंडिंग की होती तो इसकी सारी प्रणाली कार्य कर रही होतीं। ऐसी स्थिति में तब हम इससे आसानी से संपर्क कर सकते थे।
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि चांद के आसमान में चक्कर काट रहे चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर एजेंसी के लिए संकटमोचक जैसा है। ऑर्बिटर में इतना ईंधन है कि वह निर्बाध गति से अपने काम को सात साल तक बखूबी अंजाम देता रहेगा। इससे मिशन के बाकी उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा।
चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान सतह से केवल 2.1 किमी ऊपर Lander Vikram से ISRO का संपर्क टूट गया था। जिससे वह रास्ता भटककर अपने निर्धारित जगह से लगभग 500 मीटर की दूरी पर चंद्रमा की सतह से टकरा गया था। जिसके बाद चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने रविवार को लैंडर विक्रम की थर्मल इमेज इसरो को भेजी थी।
ISRO के पूर्व वैज्ञानिक के मुताबिक चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क क्रैश लैंडिंग के कारण नहीं टूटा होगा। उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है, ये क्रैश लैंडिंग नहीं थी क्योंकि लैंडर और ऑर्बिटर के बीच का संपर्क चैनल अब भी चालू है।’ उन्होंने आगे बताया था कि जो संपर्क डाटा खो गया है उसका फिलहाल विश्लेषण किया जा रहा है।
जब इसरो वैज्ञानिकों का Lander Vikram से संपर्क टूट गया तो सभी के चेहरे पर मायूसी छा गई। इसके बाद इसरो अध्यक्ष जब प्रधानमंत्री Narendra Modi को उनकी गाड़ी तक छोड़ने के लिए पहुंचे तो वह खुद को संभाल नहीं पाए और भावुक हो गए। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने गले लगाकर उनकी पीठ थपथपाई थी!
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