अश्विनी वैष्णव ने किया संचार साथी पोर्टल लॉन्च, अब गुम मोबाइल को ब्लॉक और ट्रैक कर सकेंगे

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आज टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब कोई भी इस पोर्टल पर मोबाइल खोने की जानकारी देगा, तो इसके बाद कुछ आइडेंटिटी वैरिफिकेशन होंगे। उसके तुरंत बाद ऑनलाइन टेलिकॉम ऑपरेटर और लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी के साथ इंटरैक्ट करके यह पोर्टल फोन को ब्लॉक कर देगा।

 

वैष्णव ने कहा कि केवल सिम को ब्लॉक कर देना कोई सॉल्यूशन नहीं है, फोन को ब्लॉक करना जरूरी होता है। इसके साथ ही इस पोर्टल के जरिए कोई भी यह चेक कर सकता है कि उसके नाम से कितनी सिम चालू हैं। अगर आपको इसमें ऐसा कोई नंबर दिखाई देता है जो आपने नहीं लिया है तो उसे भी ब्लॉक करा सकता हैं।

 

सेंटर फॉर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) अभी तक दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और नॉर्थ-ईस्ट रीजन के कुछ टेलिकॉम ऑफिस में इस सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा था, जिसे अब पूरे भारत में रोल आउट कर दिया गया है।

 

खोए या चोरी हुए मोबाइल को ट्रैक करने या ब्लाक करने का प्रोसेस :

खोए या चोरी हुए मोबाइल को ट्रैक करने या ब्लाक करने के लिए संचार साथी के ऑफिसियल वेबसाइट sanchar.saathi.gov.in पर जाकर ब्लॉक स्टोलेन / लॉस्ट मोबाइल आप्शन पर क्लिक करके अपने मोबाइल से सम्बंधित और मोबाइल ओनर से सम्बंधित जानकारी भरनी होगी जैसे – मोबाइल IMEI नंबर, परचेज डेट, इनवॉइस नंबर, लास्ट मोबाइल लोकेशन, एड्रेस वगैरह। उसके बाद फॉर्म को सबमिट कर दें। जिसके बाद आपको एप्लीकेशन/रिक्वेस्ट आईडी दिखाई देगी, जिसे सेव कर लें, क्योंकि इसी आईडी के जारी आप भविष्य में अपने मोबाइल को ट्रैक कर पाएंगे।

 

मोबाइल की स्मगलिंग की भी जांच करेगा संचार साथी पोर्टल :

C-DOT के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और चेयरमैन राजकुमार उपाध्याय ने बताया कि सिस्टम में एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म है जो मोबाइल की स्मगलिंग की जांच भी करेगा।

 

IMEI नंबर बदलने पर भी ट्रैक हो सकेगा फोन :

अभी क्रिमिनल्स ज्यादातर मोबाइल चोरी करने के बाद डिवाइस का IMEI नंबर बदल देते हैं, जिसके कारण मोबाइल ट्रैक या ब्लॉक नहीं हो पाता था। अब ये पोर्टल IMEI नंबर बदलने के बाद भी डिवाइस को ट्रैक और ब्लॉक कर सकेगा।

 

पोर्टल की मदद से बरामद हुए 8000 फोन :

बताया जा रहा है की अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 4.81 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है। इसके साथ ही 2.43 लाख से अधिक मोबाइल को ट्रैक किया गया है। तथा अब तक इस पोर्टल की मदद से 8 हजार फोन बरामद किए जा चुके हैं।

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