Nag Devta Temple | Naglok | Pithoragarh | हिमालय की गोद में ऐसी कई अनोखी और अनदेखी जगह मौजूद है जहां आप अपने दोस्तों के साथ पहुंच जाए तो वापस आने का मन ही नहीं करेगा। जगह खूबसूरत है यह अलग बात है लेकिन इन जगहों की भी अपनी खासियत है जिनके कारण यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आज हम इसी क्रम में आपको बताएंगे उत्तराखंड में मौजूद एक ऐसी आलौकिक जगह के बारे में जिसे देखने के बाद आपका दिल खुश हो जाएगा। तो चलिए जानते हैं इस खास जगह के बारे में.
जिस जगह के बारे में हम बात कर रहे हैं वो पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यही वजह है कि यह चोटी सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। ये उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से 1860 मीटर की ऊंचाई पर माैजूद है और अपने प्राकृतिक सौंदर्य और प्राचीन नाग मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इस जगह का नाम बैरी नाग है जिसमें नाग देवता के मंदिर है। इस मन्दिर की लोकप्रियता के कारण आसपास वाले इलाके में इस जगह को बेणीनाग कहा जाने लगा। समय बीतने के साथ-साथ इसके नाम में भी बदलाव होते रहे हैं। ये बेणीनाग से बेड़ीनाग हुआ, और फिर ब्रिटिश काल मे बेड़ीनाग से बदलकर बेरीनाग हो गया जो अभी भी इसी नाम से प्रचलित है।
मान्यता है कि, इस जगह का नाम नागवेणी राजा बेनीमाधव के नाम पर रखा गया था। ये भी कहा जाता है कि, काकेशियन आर्यों के इस क्षेत्र में आने से पहले यहां पर नाग वंश का शासनकाल था। वहीं कुछ धार्मिक पक्षकार इन्हें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा पराजित किए गए कालीनाग का वंशज मानते हैं। इस मंदिर के आस-पास कई नाग मंदिर हैं। कहा जाता है कि इन मंदिरों में रहने वाले देवताओं को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। जो कोई यहां पर जाता है उसकी इच्छा जरुर पूरी होती है, यही वजह है कि लोग यहां पर दर्शन के लिए आते हैं।
जब आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ पहाड़ों से होते हुए इस मंदिर तक पहुंचते हैं तो आपको रास्ते में बहुत ही अद्भुत और अलौकिक दृश्य देखने को मिलते हैं। और यह खूबसूरत दृश्य आपका मनमोह लेने के लिए काफी है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर बेरीनाग में स्थित करौली में है जो एक छोटा सा गांव है।
यहां चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़, खूबसूरत वादियां, हरे-भरे जंगल और घास के मैदान आपको दिखाई देंगे जो इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। वैसे तो दोस्तों ये एक छोटी सी जगह है लेकिन इस मंदिर और खूबसूरत पहाड़ियों की वजह से इस लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। हर साल इस मंदिर में कई सैलानी पहुंचते है और इन खूबसूरत वादियों का लुफ्त उठाते हैं।
यहां पर मंदिर के अलावा सूर्य उदय और सूर्य अस्त भी काफी मशहूर है। जी हां… सूर्य अस्त और सूर्य उदय के दौरान यहां पर आपको अद्भुत नजारा देखने को मिलता है और इसी नजारे को देखने के लिए लोग दूर-दूर से इस चोटी पर पहुंचते हैं। जब आप नाग देवता मंदिर घूम ले उसके बाद क्वेराली, धनोली, चिनेश्वर जलप्रपात, भाटी गांव, कलिसन मंदिर और बाना गांव भी घूम सकते हैं। यहां आप हसीन वादियों में सुकून भरे पल बिता सकते हैं।। इस पहाड़ी में आप ऊंचे ऊंचे पहाड़ के साथ-साथ बड़े-बड़े देवदार के वृक्ष देख सकते हैं। यहां पर कई सेल्फी प्वाइंट भी बने हुए हैं। आप चाहे तो इस चोटी पर ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं।
इस जगह की सबसे खास बात ये है कि, यहां का वातावरण अत्यंत शांत और प्रदूषणमुक्त है। यही नहीं दोस्तों यहां की हरियाली, दुर्लभ पक्षी और वन्य जीव इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। यदि आप यहां पर पहुँचते हैं तो यह की ठंडी जलवायु और ताजगी से भरी हवा एक नई ऊर्जा प्रदान करती है।
यदि आपने इस स्थान को नहीं देखा है तो बड़ी आसानी से आप यहां जा सकते हैं। इसके लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर और निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है। वहीं सड़क मार्ग से यह हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ से जुड़ा हुआ है। बात करें यहां घूमने के समय के बारे में तो आप मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच यहां जा सकते हैं। इस दौरान बेरीनाग का मौसम सुहावना रहता है और हिमालय की चोटियां साफ दिखाई देती हैं। Naglok | Uttarakhand | Pithoragarh | Nag Madir