Jagannath Temple | जब भी चार धाम यात्रा की बात होती है तो इसमें जगन्नाथ मंदिर का जिक्र जरूर होता है। यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है और कई सारी मान्यताओं के साथ-साथ कई सारे रहस्यों के लिए भी जाना जाता है। जी हां.. इस मंदिर में आज तक ऐसे कई चमत्कार हो चुके हैं जिनका जवाब आज तक साइंस को भी नहीं मिला। आज की इस वीडियो में हम जानेंगे जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी विशेषताओं और इस मंदिर के खास रहस्य के बारे में। यह दुनिया का एक ऐसा मंदिर है जहां पर लोगों को आपदा आने से पहले ही संकेत मिल जाते हैं। तो चलिए डिटेल में जानते हैं जगन्नाथ पुरी धाम के बारे में…
जगन्नाथ मंदिर, पुरी, भारत के ओडिशा राज्य में स्थित है जो भगवान जगन्नाथ यानी कि श्री कृष्ण को समर्पित है। यह एक ऐसा मंदिर है जिसे वैष्णव संप्रदाय के चार धामों में से एक माना जाता है। कहते हैं यहां पर मंदिर में स्थित श्री कृष्ण का दिल धड़कता है। यही नहीं इस मंदिर में दर्शन मात्र से लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है। यही वजह है कि हर साल यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। ओडिशा के पौराणिक मंदिरों में जगन्नाथ मंदिर को अपने आप में काफी अलौकिक बताया जाता है। ये मंदिर 800 साल से भी ज्यादा पुराना है।
इस मंदिर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि यहां पर मंदिर का झंडा हमेशा विपरीत दिशा में लहराता है। दरअसल, आमतौर पर दिन के समय हवा समुद्र से धरती की तरफ चलती है और शाम को धरती से समुद्र की तरफ लेकिन यहां पर एक अनोखा ही चमत्कार देखने को मिलता है। इस मंदिर का झंडा हमेशा हवा की दिशा के विपरीत लहराता है जो अपने आप में काफी रहस्यमय है। यही नहीं, कई बार इस झंडे की दिशा भी बदल कर देख ली गई लेकिन हमेशा ही यह झंडा उसकी विपरीत दिशा में लहराता है और इसका कारण आज तक नहीं चल पाया, जिसकी वजह से इसे एक चमत्कार भी कहा जाता है।
जगन्नाथ मंदिर को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई भी कहा जाता है। रसोई का रहस्य यह है कि यहां भगवान का प्रसाद पकाने के लिए मिटटी के बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं। इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान सबसे पहले पकता है फिर नीचे की तरफ एक के बाद एक प्रसाद पकता जाता है। यहां पर चाहे कितने भी भक्त आ जाए लेकिन प्रसाद में कभी कोई कमी नहीं पड़ती और ना ही यहां का प्रसाद कभी व्यर्थ जाता है। जैसे ही मंदिर के बंद होने का समय आता है प्रसाद भी खत्म हो जाता है।
इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह भी है कि यहां मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य रहती है। किसी भी वस्तु या इंसान, पशु पक्षियों की परछाई बनना हमेशा से ही एक विज्ञान का नियम माना गया है लेकिन जगन्नाथ मंदिर में इसका उल्टा है। करीब चार लाख वर्ग फीट एरिया में फैला जगन्नाथ मंदिर की ऊंचाई 214 फिट है लेकिन मंदिर का ऊपरी हिस्सा विज्ञान के इस नियम को भी चुनौती देता है। दरअसल मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य रहती है।
यही नहीं यह एक ऐसा मंदिर है जिस पर कभी भी पक्षी नहीं बैठते। जी हां.. आपने आमतौर पर देखा होगा कि मंदिर मस्जिद या फिर बड़ी इमारत पर हमेशा पक्षी बैठे हुए दिखते हैं लेकिन पूरी के इस मंदिर के ऊपर से ना कभी कोई प्लान उड़ता है और ना ही कोई पक्षी मंदिर के शिखर पर बैठता है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर की सीढ़ियों का भी एक अनोखा महत्व बताया जाता है। कहते हैं कि इसकी सीढ़ियों का संबंध सीधे यमराज से हैं। दरअसल, इस मंदिर की तीसरी सीढ़ी अपने आप में काफी रहस्यमय बताई जाती है। जगन्नाथ मंदिर में पूरी 22 सीढ़ियां है जिसमें से प्रवेश करते समय तीसरी सीढ़ी को यमराज की सीढ़ी कहा जाता है। लोग मंदिर में प्रवेश करते समय इस पर पैर रख सकते हैं लेकिन उतरते समय इस पर पैर नहीं रखते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस सीढ़ी पर लोगों का ध्यान जाए जिसकी वजह से इसका रंग भी काला कर दिया गया है।
कहते हैं जगन्नाथ पुरी मंदिर में समय-समय पर बड़ी आपदा का संकेत भी मिलता है। दरअसल, 2020 में मंदिर पर बिजली गिरी थी जिसके बाद देशभर में कोरोना जैसी महामारी देखने को मिली थी। कहा जाता है कि जब इस मंदिर में कोई बड़ी घटना घटती है तो लोगों को भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। अब हाल ही में जगन्नाथ पुरी मंदिर में एक चील को ध्वज के साथ उड़ने की घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया।
दरअसल, यहां पर एक चील शिखर पर मौजूद ध्वज को उड़ा ले गई, जिसका विडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिसके बाद लोग तरह तरह की टिपण्णीयां कर रहे हैं, कई लोग यह मान रहे हैं कि यह किसी बड़ी घटना का संकेत है। हालाँकि कई लोग इसे मात्र एक संयोग भी मान रहे हैं।
यदि आप जगन्नाथ पुरी मंदिर जाना चाहते हैं तो भुवनेश्वर स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। यदि आप सड़क के रास्ते से जाना चाहते हैं तो देश के अलग-अलग शहरों से भुवनेश्वर तक बस चलती है। वही भुवनेश्वर से पूरी तक पहुंचने में सिर्फ एक घंटा लगता है। इसके बाद मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। आप चाहे तो रेल मार्ग के जरिए भी पूरी जाने का प्लान बना सकते हैं। दिल्ली, आगरा, कोलकाता समेत कई शहरों से आपको भुवनेश्वर के लिए ट्रेन मिल जाएगी और आप यहां से बस या ऑटो रिक्शा से पूरी जा सकते हैं। Jay Jagannath | Jagannath Temple | Jagannath Mandir | Odisha Tourism | Sanatan Dharma | Incredible India