हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप व मर्डर प्रकरण में सस्पेंड चल रहे पूर्व IG जहूर हैदर जैदी (Zahur Haider Zaidi) को हिमाचल सरकार ने राहत प्रदान कर दी है। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने जैदी की सस्पेंशन को रद्द कर दिया है। उन्हें अब पुलिस मुख्यालय शिमला में रिपोर्ट करना है, जहाँ से इनकी तैनाती के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे।
भास्कर के रिपोर्ट के मुताबिक 15 जनवरी 2020 को कोटखाई मामले में शिमला की पूर्व SP सौम्या सांबशिवन पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने पर हिमाचल प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने जैदी को सस्पेंड किया था। सौम्या सांबशिवन (Soumya Sambasivan) ने अदालत में जैदी के खिलाफ एक आवेदन दिया, जिसमें कहा कि जैदी ने उन पर बयान बदलने का दबाव डाला था। इस पर CBI की विशेष अदालत ने DGP को एक नोटिस जारी किया था। इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा और राज्य सरकार ने जैदी को सस्पेंड कर दिया।
6 जुलाई 2017 को कोटखाई में 10वीं कक्षा की छात्रा गुड़िया का शव तांदी के जंगल में मिला। इस मामले की जांच के लिए पूर्व IG जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में SIT गठित की गई। SIT ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसके बाद यह मामला CBI को सौंपा गया। जांच में CBI ने पाया कि आरोपी सूरज की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने से हुई।
तब IG जहर हैदर जैदी समेत पूर्व SP शिमला डीडब्ल्यूडी नेगी, ठियोग के तत्कालीन DSP मनोज जोशी, कोटखाई थाने के SHO राजेंद्र सिंह समेत 8 पुलिस कर्मी गिरफ्तार किए गए। और जहूर हैदर जैदी 582 दिन तक कंडा जेल में रहे हैं। निचली अदालत में जमानत नहीं मिलने पर 23 मार्च 2018 को जहूर हैदर जैदी सुप्रीम कोर्ट गए। उनकी याचिका पर देश की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, और हिमाचल सरकार ने बहाली की खुशखबरी। (Ganga News)