भारतीय संविधान की अनुसूची में कुल 12 अनुसूचियां हैं, जो इस प्रकार हैं – प्रथम अनुसूची : इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों का उल्लेख है!
द्वितीय अनुसूची : इसमें भारत राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति, विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन का उल्लेख किया गया है!
तृतीय अनुसूची : इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्री, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों) द्वारा पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है!
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चौथी अनुसूची : इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है!
पांचवीं अनुसूची : इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है!
छठी अनुसूची : इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है!
सांतवी अनुसूची : इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में बताया गया है, इसके अन्तगर्त तीन सूचियाँ है- संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची –
(i) संघ सूची : इस सूची में दिए गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है! संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 98 विषय हैं!
(ii) राज्य सूची : इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है! राष्ट्रीय हित से संबंधित होने पर केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है! संविधान के लागू होने के समय इसके अन्तर्गत 66 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 62 विषय हैं!
(iii) समवर्ती सूची : इसके अन्तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं! परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है! राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के कानून बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है! संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 52 विषय हैं!
आठवीं अनुसूची : इसमें भारत की 22 भाषाओँ का उल्लेख किया गया है! मूल रूप से आंठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, 1967 ई० में सिंधी को और 1992 ई० में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया! 2004 ई० में मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोडो को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया!
नौवीं अनुसूची : संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा जोड़ी गई. इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है! इन अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है! वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम हैं!
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नोट : अब तक यह मान्यता थी कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. 11 जनवरी, 2007 के संविधान पीठ के एक निर्णय द्वारा यह स्थापित किया गया कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किसी भी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा उच्चतम न्यायालय इन कानूनों की समीक्षा कर सकता है!
दसवीं अनुसूची : यह संविधान में 52वें संशोधन, 1985 के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है!
ग्यारहवीं अनुसूची : यह अनुसूची संविधान में 73वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें पंचायतीराज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किए गए हैं!
बारहवीं अनुसूची : यह अनुसूची 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिय 18 विषय प्रदान किए गए हैं!
भारतीय संविधान के प्रमुख भाग –
भाग -1 |
संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र |
अनुच्छेद 1 से 4 |
भाग -2 |
नागरिकता | अनुच्छेद 5 से 11 |
भाग – 3 |
मौलिक अधिकार | अनुच्छेद 12 से 35 |
भाग – 4 |
नीति निर्देशक तत्व | अनुच्छेद 36 से 51 |
भाग – 4 |
(क) मूल कर्तव्य | अनुच्छेद 51 (क) |
भाग – 5 |
संघ | अनुच्छेद 52 से 151 |
भाग – 6 |
राज्य | अनुच्छेद 152 से 237 |
भाग – 8 |
संघ राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 239 से 242 |
भाग – 11 |
संघ और राज्यों के बिच संबंध | अनुच्छेद 245 से 263 |
भाग – 14 |
संघ एवं राज्यों के अधीन सेवाएँ | अनुच्छेद 308 से 323 |
भाग – 15 |
निर्वाचन | अनुच्छेद 324 से 329 |
भाग – 17 |
राजभाषा | अनुच्छेद 343 से 351 |
भाग – 18 |
आपात उपबंध | अनुच्छेद 352 से 360 |
भाग – 20 |
संविधान संसोधन | अनुच्छेद 368 |
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