छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी होने में अब महज एक सप्ताह ही बचे हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने प्रत्याशियों के चयन के मामले में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस में तो राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की हरी झंडी का इंतजार हो रहा है।
वहीं, भाजपा में पूरा मामला सर्वे के खेल में उलझता नजर आ रहा है। भाजपा संगठन यहां चार सर्वे करा चुका है। टिकट भी लगभग तय हो चुका था कि तभी सितंबर के आखिरी सप्ताह में सत्ता पक्ष ने एक सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी। इस सर्वे में कई सीटें ऐसी हैं जो संगठन के सर्वे से मेल नहीं खाती हैं। इससे मामले में पेच पड़ गया है।
सत्ता विरोधी लहर का डर
भाजपा यहां 15 साल से सत्ता में है इसलिए उसे एंटी इंकम्बेंसी(सत्ता विरोधी लहर) का भय सता रहा है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 65 प्लस सीटें जीतने का जो लक्ष्य दे रखा है उसका दबाव भी संगठन के नेताओं पर है। टिकट तय करने का जिम्मा संगठन पर है। केंद्र में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद देशभर में भाजपा का विजय रथ दौड़ रहा है, अब उसमें किसी तरह का अवरोध अमित शाह नहीं चाहते हैं।
यही वजह है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ताओं को टटोलने और उन्हें रिचार्ज करने की जिम्मेदारी अपने विश्वस्त सह संगठन मंत्री सौदान सिंह को सौंप रखी है। सौदान सिंह को भाजपा में बड़ा रणनीतिकार माना जाता है। भाजपा में उच्च पद पर पदस्थ एक नेता ने ‘नईदुनिया’ से कहा-सौदान के आगे जाति, धर्म, रिश्तेदारी कुछ काम नहीं आती। जीत ही एकमात्र पैमाना होता है। वे इस मामले में पार्टी के हित में बड़ी बेरहमी से निर्णय लेते हैं। अब जबकि सौदान यहां विजय की पटकथा तैयार कर रहे हैं तो सत्ता में बैठे नेताओं की चल नहीं पा रही है। ऐसे में सर्वे के बहाने अपना खेल बनाने की तैयारी की जा रही है।
रस्साकसी से टिकटों का मामला अटक
इस रस्साकसी से टिकटों का मामला अटक गया है। माना जा रहा है कि भाजपा में नामांकन दाखिले के अंतिम वक्त में ही लिस्ट आ पाएगी। एक दर्जन सीटों पर फर्जी सर्वे का खेल
अपनों को टिकट दिलाने के लिए सत्ता के नेताओं ने दिल्ली की एक बड़ी एजेंसी से करीब एक दर्जन सीटों पर फर्जी सर्वे रिपोर्ट तैयार कराई है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पार्टी संगठन सितंबर के आखिरी सप्ताह में कराए गए सर्वे की रिपोर्ट की मिलान संगठन की ओर से चार बार कराए गए सर्वे से कर रहा है। यह भी पता चला है कि कई सीटों पर विजयी होने लायक प्रत्याशियों का नाम नए सर्वे में बदल गया है।
ज्यादातर सीटें पहले चरण की
जिस फर्जी सर्वे की चर्चा हो रही है उसमें ज्यादातर सीटें पहले चरण की हैं। संगठन के सर्वे में कांकेर से नए चेहरे हीरा मरकाम का नाम है। भानुप्रतापपुर से हेमंत ठाकुर, जगदलपुर से किरणदेव या कमलचंद्र भंजदेव, दंतेवाड़ा से सुखदेव ताती, भीमा मंडावी आदि के नाम मूल सर्वे में आने की बात कही जा रही है। इनमें से कुछ सीटों पर नए सर्वे में नाम बदल दिए गए हैं। इसे लेकर सत्ता और संगठन में खींचतान मचने की सूचना है।